आगरा
आगरा में लोदी कालीन मस्जिद का नामोनिशान मिट गया है, इसकी वजह रही है लगातार हुई मूसलाधार बारिश, ये मस्जिद करीब 500 साल पुरानी बताई जा रही है, सिकंदरा क्षेत्र में बनी तीन गुंबदों वाली मस्जिद के दो गुंबद गिर गए हैं तीसरा भी गिरने के कगार पर है, ये मस्जिद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से संरक्षित नहीं थी, लेकिन इसे एडॉप्ट हेरिटेज स्कीम के तहत संरक्षण के लिए चुना गया था…
सन 1504 में सुल्तान सिकंदर लोदी ने आगरा में सिकंदरा को अपनी राजधानी बनाया था। सिकंदरा के आसपास लोदी काल की कई इमारतें नजर आती हैं इनमें से एक थी नेशनल हाईवे के नजदीक लोदी कालीन मस्जिद, जो दूर से देखने में बाबरी मस्जिद की तरह नजर आती थी…
इस मस्जिद को आठ फीट ऊंचे फाउंडेशन पर बनाया गया था। इसमें तीन गुंबद थे बीच का गुंबद बड़ा और किनारे के दो गुंबद छोटे आकार के थे, बारिश के कारण ककैया ईंटों और चूने की यह इमारत गिर गई…
साल 2002 में एएसआई के तत्कालीन अधीक्षण पुरातत्वविद केके मुहम्मद ने इसकी मरम्मत के लिए अडॉप्ट हेरिटेज स्कीम में रखा लेकिन उनके तबादले के बाद इसका संरक्षण ही नहीं किया गया, 22 साल पहले यहां तत्कालीन संरक्षण सहायक डॉ. आरके दीक्षित ने निरीक्षण किया था। उन्होंने इसके संरक्षण के लिए होने वाले काम का ब्योरा भी दिया था…
इतिहासकार राजकिशोर शर्मा राजे ने कहा है बेशक यह इमारत संरक्षित नहीं थी, लेकिन लोदी काल की वास्तुकला को समझने और मुगल काल में हुए बदलाव को जानने के लिए जरूरी थी साथ ही उन्होंने कहा कि इसके अलावा और भी कई ऐसी इमारत हैं जो एएसआई के द्वारा संरक्षित नहीं है लेकिन उनकी देखभालकी जानी चाहिए…
