यूपी के जौनपुर में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने सबके होश उड़ा दिए। खुद को नायब तहसीलदार का प्राइवेट चपरासी बताते हुए एक व्यक्ति ने डीएम से घूस के पैसे में अपना हिस्सा बढ़वाने की मांग की है। मामले में डीएम ने जांच के आदेश भी दिए है। कर्मचारी का ये शिकायत पत्र वायरल होते ही चर्चा का विषय बन गया है।
बीते 3 सितंबर को डीएम को एक शिकायत पत्र मिला। शिकायत पत्र में लिखा है । श्रीमान जिलाधिकारी महोदय, प्रार्थी राजाराम यादव नायब तहसीलदार लपरी शाहगंज शैलेंद्र कुमार सरोज का प्राइवेट चपरासी हूं। सारा घूस का पैसा हम ही अधिकारियों व जनता से वसूलते है। मेरे नीचे अवनीश यादव व अजीत यादव है। हम लोग लगातार झगड़ा कर मारपीट कर घूस का पैसा वसूलते है। अतः श्रीमान जी सभी प्राइवेट चपरासी को रुपए 1000 प्रतिदिन मिलता है। मुझे रुपए 500 ही नायब तहसीलदार देते है। मेरा पैसा बढ़वाया जाए। ये शिकायत पत्र मिलते ही जिलाधिकारी ने एसडीएम शाहगंज को जांच सौंपी। जिसके बाद जांच टीम तहसील परिसर में जांच करने पहुंची।
शाहगंज तहसील के अधिवक्ताओं ने जानकारी देते हुए बताया कि राजराम नाम का एक प्राईवेट चपरासी है और भ्रष्टाचार तहसील में ज्यादा है। यहां अधिकांश प्राईवेट लोग काम कर रहे है। अधिवक्ताओं ने भी इस वायरल पत्र में लिखी बात को सही बताया।
वहीं डीएम ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि अभी तक जांच में जो तथ्य सामने आए है उसमे राजाराम यादव नाम का कोई भी व्यक्ति शाहगंज तहसील में काम नहीं करता और प्राईवेट कोई भी चपरासी किसी विभाग में काम नहीं करता। जांच कराई जा रही है क्या ये किसी की शरारत है या कुछ और। जांच के बाद जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी।
प्राईवेट चपरासी के काम ना करने की बात कर रहे है वही तहसील के अधिवक्ता राजाराम के काम करने की बात को सही बता रहे है। कौन सही बोल रहा कौन गलत अब इस बात को लेकर भी चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।
