यूपी के क्राइम कैपिटल के नाम से बदनाम मुजफ्फरनगर जिले से ऐसा मामला प्रकाश में आया है, जिसे देखकर आप भी अपना माथा पीट लेंगे. यहां शहर कोतवाली के मालखाने से एक हजार से अधिक सरकारी कारतूस गायब है. …और ये जादुई कारनामा एक-दो दिन या फिर दो-चार महीने-साल में नहीं हुआ है, बल्कि कारतूस कम होने का ये सिलसिला साल 1981 से चला आ रहा है. अधिकारी बदलते रहे और कलम के कलाकार खाकी के कारिंदें पत्रावलियों में ऐसी तिकड़म भिड़ाते गए कि 43 साल तक ये राज़ दफन रहा. अब इस राज से पर्दाफाश हुआ तो पुलिस ने पुलिस के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच-पड़ताल शुरू कर दी है. दरअसल, ये मामला अगस्त 2024 में उस वक्त प्रकाश में आया, जब मालखाने और सरकारी संपत्ति के चार्ज का आदान-प्रदान किया जा रहा था. मामला सामने आते ही कोतवाली पुलिस में हड़कंप मच गया. जिसके बाद पूरे मामले की जानकारी एसएसपी अभिषेक सिंह को दी गई. एसएसपी ने इस मामले में एक जांच टीम का गठन कर एसपी यातायात को उसका हेड नियुक्त कर दिया. बड़े ही गोपनीय तरीके से मामले की जांच में जो तथ्य सामने आए, वो बेहद चौकाने वाले थे. टीम की जांच में पाया गया कि साल 1981 से 2020 के बीच कारतूस लगातार कम होते रहे और किसी को इसी भनक तक नहीं लगी.
वीओः खास बात ये है कि साल 39 सालों तो लगाकर कारतूस कम होते गए. मालखाना और सरकारी संपत्ति के इंचार्ज भी बदलते रहे. पहला इंचार्ज जाने से पहले दूसरे इंचार्ज को तमाम पत्रावलियां, सरकारी संपत्ति और मालखाने की जिम्मेदारी हैंडऑवर करके जाता. उस वक्त एक-एक सामान की गिनती होती है, लेकिन एक हजार से ज्यादा कारतूस कम होने की जानकारी तब से अब तक के सभी इंचार्ज हजम़ करते चले गए. मगर इस बार मामला खुला तो पुलिस की सरकारी पत्रावलियों और मालखाने में घपले की पोल खोलकर रख दी.
इस मामले में पूर्व हेड माहर्रिर वेद प्रकाश के कार्यकाल में सबसे ज्यादा 657 कारतूस गायब हुए. लेकिन उनकी मौत हो चुकी है, जिस कारण उनके कार्यकाल में गायब हुए कारतूसों को बट्टा खाते में डाला गया है. जबकि रिटायर्ड हो चुके हेड मोहर्रिर सुरेश गिरी, सतपाल सिंह और बलजोर के खिलाफ शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया है. इन तीनों के अलावा मुकदमे में उन दो पूर्व हडमोहर्रिर डिग्री प्रसाद और वीरिंह सिंह को भी शामिल किया गया है, जो प्रमोशन पाकर दरोगा बन गए थे. इन सभी पाचों के कार्यकाल में कारतूस और टियर गैस समेत कुल 352 सरकारी संपत्ति गायब हुई.
आपको ये भी बता दें कि गायब होने वालों में सबसे ज्यादा संख्या प्वाइंट थ्री नॉट थ्री के कुल 594 और 38 बोर के कुल 147 कारतूस शामिल है. इनके अलावा एके 47 के भी कुल 26 कारतूस गायब है. जबकि 7.62 एमएम, 9 एमएम, पीएमएफ, वीएलपी कारतूसों के साथ-साथ नंबर प्लेट, खाली कारतूस, प्रोटेक्टर नंबर आदि भी गायब होने वाली लिस्ट में शुमार है. एसपी सिटी सत्यनारायण प्रजापति का इस संबंध में कहना है कि सरकारी संपत्ति कम होने का मामला सामने आया है. इसमें सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया है. गायब होने वाली चीजों में सबसे ज्यादा .303 के कारतूस हैं, जो अधिकतर मुडभेड में इस्तेमाल की जाती है. मामले की जांच की जा रही है।
