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केदारनाथ गिरधारी लाल खत्री स्नातकोत्तर महाविद्यालय के विधि विभाग में मूट कोर्ट का प्रदर्शन

ByMukesh Kumar Kashyap

May 11, 2024

मुरादाबाद। केदारनाथ गिरधारी लाल खत्री स्नातकोत्तर महाविद्यालय के विधि विभाग में आज दिनांक11 मई 2024 शनिवार को विधि विभाग के मूट कोर्ट कक्ष में विधि विद्यार्थियों द्वारा भारतीय विधिज्ञ परिषद एवं महात्मा ज्योतिबा फूले रुहेलखंड विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुक्रम में मूट कोर्ट का प्रदर्शन किया गया।
सर्वप्रथम मां सरस्वती के चरणों में वंदन कर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन यूनिवर्सिटी विधि संकाय अध्यक्ष प्रोफेसर अजय कुमार सिंह डीन विधि तथा विधि विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर सुकृति त्यागी ने कार्यक्रम आरंभ की घोषणा की।
विधि विद्यार्थियों द्वारा एक सिविल मामला तथा तीन आपराधिक मामलों का विचारण मूट कोर्ट में प्रस्तुत किया गया।
मूट कोर्ट में प्रस्तुत वाद के संदर्भ में प्रति परीक्षा से संबंधित कुल 10 टीमों ने प्रतिभागी किया। अधिवक्ता द्वारा साक्षी से प्रति परीक्षा का प्रदर्शन किया गया:-
1-सुनील और सौरभ पांडे
2-मोनिका तिवारी और नाजिया
3-मोनू चंद्रा और कपिल
4-सफिया और शम्सुर्रहमान
5-शम्सुर्रहमान और अफसर
6-ताहिर हुसैन और शुभम
7-संजीव कुमार और दीपाली
8-अदिति और संकेत शर्मा
9-वंशिका और सना
10-मयंक चंदेल और रितिका
विभिन्न मामलों में साक्षी से अधिवक्ता द्वारा प्रतिपरीक्षा की भिन्न भिन्न अवस्थाओं को मूट कोर्ट के माध्यम से प्रस्तुत किया गया।
इसके अतिरिक्त एक सिविल मामला एवं तीन आपराधिक मामलों को विद्यार्थियों द्वारा सभी आवश्यक चरणों सहित मूट कोर्ट में नाटक के माध्यम से समझाया गया।
……………प्रदत्त प्रकरण………….
सिविल मामला

संकेत शर्मा अपनी मानसरोवर कॉलोनी थाना मझोला, मुरादाबाद स्थित संपत्ति का तन्हा मालिक है जो गत 9 वर्ष से लापता है। लापता होने के पहले ही वह अपनी सारी संपत्ति को अपने तीनों बेटो अर्जुन, धर्म और रंजीत के नाम वसीयत कर गया था। संकेत जी का एक बेटा और है जिसका नाम शिवम है, जिसको उन्होंने अपनी वसीयत में कुछ नही दिया। इन तीनों बेटो ने व्यवहार न्यायालय से सिविल डेथ घोषणात्मक डिक्री प्राप्त कर ली और उस आधार पर अर्जुन, धर्म तथा रंजीत ने संकेत के चौथे पुत्र शिवम को अपने उक्त मकान से बेदखल करने के लिए दवाब बनाया। शिवम के जानकार (सदफ) ने एक ट्रेड फेयर में संकेत शर्मा को जीवित देखा और वह वीडियो उपलब्ध करा दी। अपने अधिकारों की रक्षा के लिए चौथा पुत्र शिवम सिविल न्यायालय में दावा प्रस्तुत करता है और अपने पिता के जीवित होने का प्रमाण देता है। उक्त वीडियो में एक अन्य चश्मदीद गवाह शाइस्ता भी है जो अपना वाद पत्र के समर्थन में साक्ष्य प्रस्तुत करती है।
जबकि प्रतिवादी पक्ष (शेष तीन बेटे) वाद पत्र का खण्डन करते है और वादी की ओर से प्रस्तुत वीडियो में अपने पिता के ना होने का दावा करते है। इस बात को प्रमाणित करने के लिए प्रतिवादी पक्ष के पास एक गवाह (अदिती) मौजूद है जो कि उक्त वीडियो में मौजूद है। इसके अतिरिक्त प्रतिवादी पक्ष एक और गवाह लाते है (सिमरन), वह वादी के गवाह ( सदफ और शाइस्ता) के पड़ोसी है। सिमरन का कहना यह है कि यह दोनो शिवम के कर्जदार है। प्रतिवादी पक्ष इस आधार पर अदालत से अनड्यू इनफ्लुएंस होने के चलते वादी के दोनो गवाहों की गवाही को संज्ञान में नहीं लेने की प्रार्थना करता है।
वादी तथा प्रतिवादी की ओर से वाद पत्र ,प्रतिवाद पत्र ,साक्ष्य , विभिन्न प्रक्रम, तथा बहस का लिखित ज्ञापन प्रस्तुत किया गया। इस सिविल वाद को शिवम बनाम अर्जुन, धर्म एवं रंजीत के नाम से प्रस्तुत किया गया।
वादी पक्ष की ओर से वंशिका गुप्ता और रुखसार वादी गौरव , प्रत्यक्ष दर्शी साक्षी रितिका और गायत्री ,प्रतिवादी पक्ष की ओर से मयंक चंदेल प्रतिवादी का पक्ष रखा।
प्रतिवादी गण अलीना वंशिका कंसल और फातिमा की ओर से प्रत्यक्षदर्शी साक्षी सना और अफशा रहे।
सिविल वाद में पीठासीन अधिकारी डॉ राजदेव सिंह के अर्दली आयुष गोयल , पेशकार ख्यालीराम और स्टेनो इशा ने न्यायिक प्रक्रिया के विभिन्न प्रक्रम मूट कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया।

-प्रदत्त प्रकरण-आपराधिक मामला
चंचल शर्मा मुरादाबाद की सर्किट हाउस कॉलोनी में रहती थी और न्यायिक मजिस्ट्रेट के पद पर मुरादाबाद में तैनात थी। उनका आरोपी पति संकेत शर्मा पुत्र रिटायर जज धर्म शर्मा निवासी दिल्ली तीस हजारी कोर्ट में पेशे से अधिवक्ता है। दोनो ने 01 जनवरी 2023 को बिना माता-पिता की अनुमति के कोर्ट मैरिज की थी। संकेत को चंचल का उसके माता-पिता से मिलना या फोन पर बात करना पंसद नहीं था। शादी के एक साल बाद चंचल को पता चला कि वह गर्भवती है जिसकी जानकारी चंचल ने अपनी माता जी को दी जिससे वह खुश होकर चंचल से मिलना चाहती थी। यह बात जब चंचल ने अपने पति सकेत से बताई तो वह बहुत अधिक क्रोधित हुआ और दोनो में बहुत अधिक बहस हुई। 31-01-2024 को चंचल ट्रेन से दिल्ली पहुँची और वहाँ उसे लेने खुद संकेत आया था कार में ही दोनों में बहुत लड़ाई हुई और रास्ते में से ही चंचल मुरादाबाद लौट आई। दिनांक 01 फरवरी 2024 को संकेत सुबह 4:00 बजे सर्किट हाउस कॉलोनी आया वहाँ उसने चंचल को पंखे पर लटका पाया और करीब 5 बजे सुबह उसने खुद जाकर मंझोला थाने में सूचना दी। घटनास्थल पर पुलिस ने चंचल को मृत पाया। पुलिस ने प्रथम दृष्ट्या चंचल की दोनो कलाई पर कट के निशान देखे, और लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पुलिस के पूछताछ करने पर संकेत ने बताया कि जब वह चंचल के घर पहुँचा था तो उस समय दरवाजा खुला था। जब मैं अन्दर पहुंचा तो देखा चंचल पंखे से लटकी हुई थी। उसकी दोनो कलाईयाँ कटी हुई थी। मैंने जल्दी-2 चंचल को फंदे से उतारा और देखा कि उसकी सांस चल रही है या नहीं। चंचल की सांस नहीं चल रही थी यह देखकर मैं घबरा गया और सीधा पुलिस थाना चला गया। संकेत की सूचना पर पुलिस चंचल के घर पहुंची और चंचल की लाश का पंचायतनामा तैयार करके उसकी लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। संकेत ने स्वयं जाकर अपनी पत्नी की आत्महत्या किये जाने के सम्बन्ध में तहरीर थाने पर लिख कर दी और तहरीर शब्द व शब्द वैशाली के द्वारा टाईप करायी गयी है। पुलिस ने मामले की जाँच की तथा घटना से सम्बन्धित साक्ष्य एकत्र किये। बचाव पक्ष का साक्ष्य है कि वह घटना वाले समय घटना स्थल पर नहीं था। राजमार्ग से दिल्ली से आ रहा था और उसने अन्यंत्रता सिद्धांत का सहारा लेकर टोल प्लाजा के रसीद और सीसीटीवी कैमरे फुटेज प्रस्तुत किया। पीड़िता चंचल शर्मा. अभियुक्त संकेत शर्मा , अदिती, सुनील. सानिया, विजय तथा अभियोजन पक्ष से पिता योगेश कुमार, माता सुमन शर्मा, पड़ोसी सौरभ पाण्डेय, डॉक्टर – सदफ सैफी, आशय वर्मातथा प्रतिवादी पक्ष से आरोपी संकेत शर्मा, पिता धर्म सिहँ, माता – अनुप्रिया, पड़ोसी – विनीत यादव, पीठासीन अधिकारी के रूप में डॉ राजकुमार सोनकर एवं उनके सहयोगी अर्दली रंजीत कुमार, स्टेनो / टाइपिस्ट वैशाली,पेशकार शिवम , सिमरन आदि ने इस प्रकरण को मूट कोर्ट में प्रस्तुत किया।
………प्रदत्त प्रकरण…..
(आपराधिक मामला)

एक 17 वर्षीय पीड़िता अपनी बड़ी बहन के साथ शाम करीब 4 बजे दिनांक 01 जनवरी 2024 को देव विहार कॉलोनी लाइनपार थाना मंझौला मुरादाबाद से कंप्यूटर कोचिंग सेंटर जा रहीं थीं।रास्ते मे सुनसान क्षेत्र मे उसके कालेज के 2 सीनियर छात्रों ने जो उससे दोस्ती का जबरन दबाव बना रहे थे और उस बालिका ने मना कर दिया था, अपनी बेइज्जती मानकर बदला लेने की बदनीयत से पीड़िता पर तेजाब डाल कर उसे बुरी तरह से ज़ख्मी कर दिया. पीड़िता की बड़ी बहन पर भी तेजाब की कुछ छींटे पहुंची।
जब वह युवक पीडिता पर तेजाब फेंक रहे थे तभी उस रास्ते पर आ रहे एक स्कूटी सवार व्यक्ति ने उन युवको को ललकारा तो दोनों घटना स्थल से तुरंत भाग गए। स्कूटी सवार व्यक्ति ने तुरंत पुलिस और एम्बुलेंस को कॉल कर बुलाया और आसपास के कुछ लोग भी आ गए
घटना के कुछ देर बाद पुलिस ने एम्बुलेंस से दोनों बहनो को सरकारी अस्पताल भेजा और देर शाम दोनों आरोपियों को एक फार्म हाउस से गिरफ्तार किया.
पीड़िता की बहन की ओर से आरोपियों के विरुद्ध नामजद FIR थाने मे पंजीकृत करा दी गई।
बचाव पक्ष का तर्क है कि
जिस समय की घटना बतायी जा रही है उस समय वह अपने दोस्त की बर्थडे पार्टी में थे। दोपहर 3 बजे दोस्त के फॉर्म हाउस पर पार्टी में पहुचे और शाम को 6 बजे पुलिस ने उन्हें वहां से गिरफ्तार कर लिया और खुद को पूरी तरह से निर्दोष बताया हैं.
अभियोजन तथा बचाव पक्ष की ओर से साक्ष्य प्रस्तुत कर विचारण के विभिन्न प्रक्रम सहित बहस तथा लिखित ज्ञापन सहित प्रस्तुतिकरण किया गया।
उत्तर प्रदेश सरकार बनाम कपिल व ऋतिक आदि में अभियोजन पक्ष की ओर से मोनू चंद्र सलोनी कश्यप पीड़िता प्रियंका प्रत्यक्ष दर्शी साक्षी शम्सुर्रहमान अन्वेषण अधिकारी मोहम्मद अफसर पीड़िता की सहेली सैयदा नाजिम मेडिकल ऑफिसर एकता गुप्ता बचाव पक्ष की ओर से सफिया मोनिका अधिवक्ता तथा अभियुक्त कपिल कौशिक व रितिक शर्मा बचाव पक्ष के साक्षी मनीष शर्मा सुहैल अहमद तथा न्यायाधीश के रूप में डॉ विनय सिंह और उनके सहयोगी रुकैया नईम चरण सिंह और जतन ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।
इस कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीयुत श्रीराम शर्मा ने एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता के जी के महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर सुनील चौधरी ने की। महाविद्यालय के द्वारा प्रतिपरीक्षा से संबंधित मूट कोर्ट प्रतियोगिता में प्रथम ,द्वितीय तथा तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया। इसके अतिरिक्त प्रोफेसर गुरमीत सिंह द्वारा मूट कोर्ट के समस्त प्रक्रम सहित प्रदर्शन में प्रतिभा करने वाली सर्वश्रेष्ठ टीम को नगद पांच हजार रुपए देकर पुरस्क‌त किया गया ‌।

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