📜 ऐतिहासिक पल | ज्ञान की दिव्यता का सम्मान 🙏
आज विज्ञान भवन, नई दिल्ली एक अत्यंत गौरवपूर्ण क्षण का साक्षी बना, जब भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी ने जगद्गुरु स्वामी श्री रामभद्राचार्य जी महाराज को 58वाँ ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किया।
यह सम्मान संस्कृत साहित्य में उनके अद्वितीय और अमूल्य योगदान को समर्पित है।
जिन्होंने बाल्यकाल में दृष्टि खोई, लेकिन कभी हार नहीं मानी – और 22 भाषाओं में 240+ ग्रंथों की रचना कर दी।
उनका जीवन सेवा-स्वाध्याय और सनातन का अद्वितीय उदाहरण है ।भारतवर्ष धन्य और अभिभूत है ऐसे युगपुरुष को पाकर।
यह सम्मान संत,साहित्य,भारतीय संस्कृति एवं सनातन धर्म का सम्मान है।
भारतवर्ष को आप पर गर्व है, पूज्यपाद सद्गुरुदेव
