बुलंदशहर: साल 2018, तारीख 3 दिसम्बर… यह वही दिन था जब गौकशी को लेकर बुलंदशहर के स्याना क्षेत्र में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार समेत दो लोगों का कत्ल कर दिया गया था। इस सनसनीखेज घटना ने उत्तर प्रदेश की सियासत में तूफान तो खड़ा कर ही दिया था साथ ही सूबे की योगी सरकार पर कटघरे में ला दिया था। जिस बुलंदशहर जिले में गौकशी का बोल बाला रहा, हर माह गौकशी की औसतन 2-3 वारदात होती रही हों, वह जिला महज़ 06 बरस की पुलिसिंग में गौकशी मुक्त हो गया। जिले को गौकशी मुक्त करने के लिए पुलिस प्रशासन ने क्या क्या कदम उठाए। न्यूज़ 24 ने इसकी पड़ताल की तो चौकाने वाले फैक्ट्स सामने आये…पेश है रिपोर्ट
स्याना हिंसा से शुरू हुए गौकशों के बुरे दिन
स्याना हिंसा के बाद बुलंदशहर में गौकशों और गौतस्करों के बुरे दिन शुरू हो गए। गत तीन वर्ष की बात करूं तो पुलिस ने तत्कालीन एसएसपी श्लोक कुमार की अगुवाई में 49 गौकशों का हाफ एनकाउंटर किया और गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। 67 गौकशों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत पुलिस ने एक्शन लिया। 46 गौकशी के आरोपियों के खिलाफ गुंडा एक्ट की कार्रवाई की। इसके अलावा बुलंदशहर पुलिस ने 75 गौकश और गौतस्करों की हिस्ट्रीशीट को खोला है। खाकी ने ये सब कार्रवाई गौकशी की घटनाओं का खत्मा और गौकशों में भय पैदा करने के लिए की।
10 करोड़ की सम्पत्ति अटैच की
तत्कालीन एसएसपी श्लोक कुमार और तत्कालीन डीएम सीपी सिंह ने गौकशी के 21 मामलों में गौकशों की 10 करोड़ रुपये से अधिक की सम्पत्ति को अटैच कराया। पुलिस, घर, मकान, दुकान, कृषि फार्म समेत तमाम कीमती प्रॉपर्टीज को जब्त किया। खुर्जा के आरिफ़ कुरैशी पर गौकशी के दर्जन भर से अधिक मुकदमें दर्ज हैं। पुलिस ने गौकश आरिफ के खिलाफ़ NSA की कार्रवाई की। पिछले तीन साल से गौकश आरिफ़ कुरैशी बुलंदशहर जेल में बंद है।
गौवंश की कत्लगाह बन गया था बुलंदशहर
वर्ष-2019 तक बुलंदशहर गौवंश की कत्लगाह बना रहा। इसके बाद 5 अगस्त वर्ष-2019 को संतोष कुमार सिंह बुलंदशहर के एसएसपी बनें। ये तकरीबन 3 साल बुलंदशहर में रहे। इन्होंने गौकशों की कमर पर पूरे दम के साथ वार किया और गौकशी की घटनाओं को मिनिमाइज की। 29 मार्च 2022 को आईपीएस श्लोक कुमार ने बतौर कप्तान बुलंदशहर का कार्यभार संभाला और ये लगातार गौकशों और गौतस्करों पर कार्रवाई करते रहे।
शासन में खराब थी बुलंदशहर की छवि
एसएसपी श्लोक कुमार ने कहा कि गौकशी और गौतस्करी की घटनाओं को चुनोती के रूप में स्वीकार किया। गौकशों पर लगातार एक्शन किया गया। उनकी निगरानी को बढ़ाया गया। गुंडा एक्ट, हिस्ट्रीशीट, प्रोपर्टीज अटैचमेंट और हाफ एनकाउंटर के बाद गिरफ्तारी करा ये सन्देश देने में पुलिस काफी हद तक कामयाब रही कि बुलंदशहर में गौकशों और गौतस्करों की खैर नहीं है। यही वजह है कि जहां हर साल 24 से 28 गौकशी की वारदात हुआ करती थी वह अब शून्य की और आ पहुंची है। डीआईजी की रैंक से रिटायर हो चुके संतोष कुमार सिंह बताते हैं, ये पुलिस की सतत मेहनत और प्रयास का नतीजा है कि बुलंदशहर जैसा जिला जहां गौकशी की घटनाओं के लिए जाना जाता रहा हो उस जिले में बेहतरीन पुलिसिंग की वजह से गौकशी की घटनाएं शून्य पर आ सिमटी।
नए SSP दिनेश सिंह की प्राथमिकता में भी गौकश
आज बुलंदशहर के नए कप्तान दिनेश कुमार सिंह ने पत्रकारों से वार्ता की। उन्होंने कहा उनकी प्राथमिकता गौकशी, गौकश और गौतस्करों पर कार्रवाई होगी। उनका फोकस खनन माफियाओं, लैंड माफियाओं, लव जिहाद, धर्मांतरण जैसे गम्भीर मामलों पर रहेगा। ऑपरेशन कनविक्शन के तहत प्रभावी पैरवी भी सुनिश्चित की जाएगी। आम शहरी इज्जत के साथ जिंदगी जिए और गुंडे बदमाश जेल की सलाखों के पीछे जिंदगी गुजारें, ऐसा प्रयास हमारा होगा।
ऐसे शहीद हुए पुलिस अफ़सर
3 दिसम्बर 2018 को बुलंदशहर भूड़ पर इस्लामिक इज्तमा की दुआ के बाद लाखों की भीड़ गंतव्य की ओर निकल रही थी। इसी दौरान स्याना की चिगरावठी चौकी क्षेत्र के महाव गांव के जंगल में गौवंश के अवशेष मिलने के बाद बजरंग दल और स्थानीय लोगों ने हंगामा किया था। आक्रोशित भीड़ स्याना रोड पर जाम लगाना चाहती थी। चूंकि इज्तमा की भीड़ वहां से गुजरने वाली थी, इसलिए पुलिस ने विरोध किया। हालात इतने खराब हो गए की पुलिस पर पथराव शुरू हुआ। फायरिंग हुई। इसी बलवे में स्याना कोतवाली के प्रभारी सुबोध कुमार सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई। गोली लगने से बलवे में शामिल सुमित की भी मौत हो गई थी। इस मामले में पुलिस ने 29 नामजद समेत 44 बलवाइयों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की, पांच आरोपियों की स्वभाविक मौत हो चुकी है। अधिकांश आरोपी जेल में है, कुछ आरोपी बेल पर भी हैं।
