मैनपुरी के दिहुली कांड के तीन दोषियों की सजा पर फैसला सुनाते हुए एडीजे विशेष डकैती इंदिरा सिंह की कोर्ट से टिप्पणी की गई कि 24 दलितों की सामूहिक हत्या बड़ा नरसंहार था। यह जघन्यतम अपराध है। इसके लिए फांसी से कम कोई सजा नहीं होनी चाहिए।
अदालत ने अपने आदेश में भी स्पष्ट लिखा है कि दोषियों को गर्दन में फांसी लगाकर मृत्यु होने तक लटकाया जाए। साथ ही आदेश में यह भी लिखा है कि मृत्यु दंडादेश हाईकोर्ट के समक्ष पेश किया जाएगा और मृत्यु दंडादेश जब तक निष्पादित नहीं किए जाएंगे, जब तक हाईकोर्ट से मृत्यु दंडादेश द्वारा पुष्ट न कर दिए जाए।
