परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा था, लेकिन उनकी मदद को कोई आगे नहीं आया। जब महिला ने अपनी जान दे दी, तो रिश्तेदार से लेकर आस-पड़ाेस में रहने वाले भी परिवार से सहानुभूति जता रहे है। खाना और अन्य सामान पहुंचा रहे हैं।
एटा के नगला पवल की रहने वाली सुमन गरीबी के आगे घुटने टेक दुनिया छोड़ गई। वजह थी कि अपने बच्चों को भरपेट रोटी मुहैया नहीं करा पा रही थी। जब घर में हर शख्स भूखा था तो रोटियों का इंतजाम नहीं था, आज उस घर की रसोई में रोटियों के ढेर लगे हैं, लेकिन उन्हें खाने के लिए भूख नहीं है। मां को खोने के बाद बच्चों के गले से निवाला नहीं उतर रहा है। रिश्तेदार बराबर खाना भिजवा रहे हैं और ढेर लगते जा रहे हैं।
