संत संसद में धर्माचार्यों ने विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की और सनातन के साथ सभी धर्मों को साथ लेने का निर्णय लिया।
ग्यारह सूत्री एजेंडे पर संत संसद में विस्तार से चर्चा की गई। संतों ने कहा कि अब सनातनियों ने अपनी कमान नहीं संभाली तो कभी नहीं संभाल पाएंगे। हम सभी मिलकर सनातन धर्म को सभी धर्मो को साथ लेकर चलेंगे।
कार्यक्रम में शामिल साध्वी सरिता गिरि ने कहा कि सनातनियों को एकजुट होकर अपने धर्म को सशक्त करना होगा। संत संसद के माध्यम से उन्होंने लोगों को संदेश दिया कि ‘अब न बंटेंगे न ही कटेंगे’।
आयोजकों ने कहा कि सनातन के उत्थान के लिए आगे भी ऐसे धार्मिक आयोजन होते रहेंगे। अन्य धर्मों के धर्माचार्य की संत संसद में शामिल रहे।
