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02 अक्टूबर का दिन गांधी जी के जीवन आदर्शो एवं सिद्धान्तों को अपनाने का सुअवसर प्रदान करता है-कमिश्नर

ByMukesh Kumar Kashyap

Oct 2, 2024

कमिश्नरी में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं शास्त्री जी की जयन्ती पर उनके जीवन मूल्यों, सिद्धान्तों एवं जीवन आदर्शाे का अनुसरण करने का संकल्प लिया गया

02 अक्टूबर का दिन गांधी जी के जीवन आदर्शो एवं सिद्धान्तों को अपनाने का सुअवसर प्रदान करता है-कमिश्नर

मुरादाबाद 02 अक्टूबर 2024
मण्डलायुक्त श्री आन्जनेय कुमार सिंह ने आज कमिश्नरी सभागार में गांधी जयंती पर आयोजित समारोह में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं देश के पूर्व प्रधानमंत्री श्री लालबहादुर शास्त्री को उनके जन्मदिवस पर श्रृद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि गांधी जी एवं शास्त्री जी के जीवन मूल्यों, विचारधारा एवं सिद्धान्तों को अपनाकर तथा उनकी शिक्षाओं का अनुसरण कर हम अपने देश के इन दोनांे महापुरुषों को सच्ची श्रृद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं भारत के पूर्व प्रधानमंत्री श्री लालबहादुर शास्त्री जी के जन्मदिवस के अवसर पर उनके चित्र का मण्डलायुक्त श्री आन्जनेय कुमार सिंह द्वारा अनावरण व माल्यापर्ण किया गया तथा गांधी जी एवं शास्त्री जी के जीवन दर्शन, उनकी देश सेवा तथा उनके जीवन मूल्यों पर प्रकाश डाला गया।
इस अवसर पर मंडल आयुक्त ने कहा कि गांधी दर्शन पहले भी प्रासंगिक था आज भी प्रासंगिक है, लाल बहादुर शास्त्री जी गांधी दर्शन को जीवन में धारण करने वालों में से एक थे। इस दर्शन का मूल हमेशा मानव गरिमा है। हर एक इंसान हर एक व्यक्ति उसकी अपनी एक गरिमा है, उसका सम्मान हमें करना चाहिए। गांधी जी और शास्त्री जी दोनों के जीवन से हमें पता लगता है कि इच्छा शक्ति कितनी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि गांधी जी ने जो कहा शास्त्री जी ने वह किया, गांधी जी ने कहा कि इस धरती पर लोगों की जरूरतें पूरा करने के लिए पर्याप्त संसाधन है, किंतु किसी के लालच को पूरा करने के लिए पूरी धरती कम पड़ेगी। यह जितना तब प्रासंगिक था उतना ही आज प्रासंगिक है। गांधी जी प्रकृति से जुड़े हुए व्यक्ति है। उन्होंने कहा कि जिसने भी हमारे स्वतंत्रता आंदोलन में अपना योगदान दिया, वह हमारे लिए आदर व श्रद्धा का पात्र है। हर एक ने अपने-अपने तरीके से अपना-अपना योगदान दिया। जब देश संकट में था तब सभी ने शास्त्री जी की उस क्षमता एवं शक्ति को भी देखा, जब उन्होंने जय जवान जय किसान का नारा दिया तब उनका मतलब था कि हम अपनी इच्छा शक्ति से ,मेहनत से देश को आत्मनिर्भर बनाएंगे। आज हमें गांधी जी एवं शास्त्री जी के जीवन दर्शन को अपनाने की जरूरत है। आज हमें समस्याओं से लड़ने की जरूरत है न कि सरेंडर करने की। आज हमें अपने कर्तव्यों को सबसे पहले रखने की जरूरत है। गांधी जी एवं शास्त्री जी का जीवन हमारे लिए एक प्रेरणा है एक संदेश है, एक विचारधारा है, विरासत है।

उन्होंने कहा कि गांधी जी केवल एक व्यक्तित्व ही नही अपितु एक विश्वव्यापी प्रांसगिक विचारधारा का नाम है। उन्होेंने कहा कि शास्त्री जी ने जिस तरीके से गांधी जी की विचाराधारा को शासन – प्रशासन में उतारा है वह हमारे लिए अनुकरणीय है, प्रेरित करने वाली है। उन्होंने कहा कि हम लोगों को शास्त्री जी की वैचारिक दृढ़ता एवं निर्णय लेने की दृढ़ता से सीख लेनी चाहिए।
कमिश्नर श्री सिंह ने इस अवसर पर कमिश्नरी सभागार में आयोजित विचार गोष्ठी में अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि गांधी जी के विचारों से पूरी दुनिया में शान्ति एवं सदभाव का मार्ग प्रशस्त हुआ है तथा गांधीवादी विचार धारा के मूलभूत सिद्धान्तों-सत्य और अहिंसा के माध्यम से उनके नेतृत्व में चला भारतीय स्वाधीनता आन्दोलन विश्व के इतिहास में अपना एक विशिष्ट स्थान रखता है। आयुक्त ने कहा कि गांधी जी के जीवन का प्रत्येक क्षण देश सेवा और मानव सेवा में व्यतीत हुआ तथा चरखे, खादी और स्वेदशी के माध्यम से उन्होंने स्वाबलम्बन और श्रम सम्मान की गरिमा को स्थापित किया। आयुक्त ने कहा कि दोनों महान विभूतियों का जीवन अनुकरणीय है तथा सभी को इन दोनों महापुरुषों के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने बताया कि महात्मा गांधी एवं शास्त्री जी ने आदर्श सिद्धान्तों की ही स्थापना नही की बल्कि उस पर चलकर भी दिखाया। महात्मा गांधी जी ने अहिंसा को राजनैतिक हथियार के रुप में इस्तेमाल कर विश्व के सबसे बडे साम्राज्य को भारत छोडने को विवश किया। लालबहादुर शास्त्री जी ने सादा जीवन उच्च विचार के सिद्धान्त को अपनाया और “जय जवान जय किसान” का नारा दिया। उन्होंने कहा कि गांधी जी एवं शास्त्री जी के आदर्शो पर चलकर हमसब देश को उन्नति /प्रगति की ओर ले जाये यही हमारी इन दोनों महापुरुषों के प्रति श्रृद्धांजलि होगी।

इस अवसर पर अपर आयुक्त प्रशासन सर्वेश कुमार गुप्ता सहित कमिश्नरी अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।

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