बरेली के अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक प्रथम रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने लव जिहाद के मामले में एक मुस्लिम युवक को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है साथ ही ₹100000 का अर्थ दंड भी लगाया है ।अदालत ने छात्रा के साथ गाली गलौज कर जान से मारने की धमकी देने के मामले में मुस्लिम युवक के पिता को भी 2 साल की सजा सुनाई है । बरेली के देवरनिया थाना क्षेत्र का है जहां हर रोज बरेली शहर के राजेंद्र नगर में कंप्यूटर कोचिंग करने आने वाली हिंदू छात्रा को भोजीपुरा थाना क्षेत्र के रहने वाला एक मुस्लिम युवक ने अपनी पहचान छुपा कर हिंदू समुदाय का आनंद बनकर उससे दोस्ती की फिर उसे अपने प्रेम जाल में फंसा लिया। छात्रा ने उसे वक्त आरोप लगाया था कि युवक अपने माथे पर टीका और हाथ पर कलवा बांधकर आनंद नाम बता कर उसे प्यार के जाल में फसाया और फिर एक मंदिर में ले जाकर मांग में सिंदूर भर शादी कर ली इसके बाद दोस्त के कमरे पर ले जाकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए जहां उसने उसकी अश्लील वीडियो और फोटो बना ली और उन्हें वायरल करने की धमकी देकर कई बार होटल में ले जाकर भी उसके साथ शारीरिक संबंध बनाएं और जब वह गर्भवती हो गई तो गर्भपात करने का दबाव बनाने लगे। कंप्यूटर की कोचिंग करने वाली छात्रा ने 2023 में आरोप लगाया था की जब एक दिन वह युवक के गांव पहुंची तब उसे हकीकत पता चली जहां उसे उसका असली नाम मोहम्मद आलिम मालूम हुआ और उसके बाद उसके घर वालों ने उसे गर्भपात कराकर के धर्म परिवर्तन कर निकाह करने की बात कही । पहचान छुपाने वाले मुस्लिम युवक ने हाफिजगंज के एक निजी अस्पताल में ले जाकर छात्रा का गर्भपात करा दिया। जिसके बाद छात्रा ने बरेली के देवरनिया में गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया और तब से मामला कोर्ट में विचाराधीन था जहां आज अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक प्रथम रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने आरोप पत्र दाखिल होने के 6 महीने के अंदर ही मुस्लिम युवक मोहम्मद आलिम को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई और ₹100000 का अर्थ दंड लगाया है और उसके पिता को भी 2 साल की सजा सुनाई है।
