बेटी के दर्द के आगे कराहता रहा सरकारी तंत्र, जहां मिलनी थी जिंदगी वहां इलाज के अभाव में अस्पताल के बाथरूम में फांसी पर लटक कर बेटी ने तोड़ दिया दम
ये उत्तर प्रदेश है,जी है जहां के सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए लोगो को पहले तड़पना पड़ता है फिर फांसी लगाकर जान भी दे देनी पड़ती है। ऐसा हम नही कह रहे है, रोती बिलखती और छाती पिटती एक मां कह रही है, जो अपनी बेटी को धरती के भगवान डॉक्टर के पास लेकर आई थी, मगर हाय रे भ्रष्ट सिस्टम, दर्द से कराहती रही बेटी मगर डॉक्टर साहब का दिल नहीं पसीजा क्यों कि उनका दिल तो अब पत्थर का हो गया है, क्या फर्क पड़ता है मर रही है तो मरने दो, तड़प रही है तो तड़पने दो, वो इलाज तो अपनी मनमर्जी से ही करेंगे। बेटी को दर्द जब बर्दास्त नही हुआ तो उसने सोचा इस करप्ट, बेपरवाह और जंग खा चुके सिस्टम से लड़ने से बेहतर है जिंदगी को ही समाप्त कर ले, इसके बाद वह अपनी मां वा भाई से छिपकर बाथरूम में गई और रस्सी से खिड़की में अपना गला बांधकर आत्महत्या कर लिया।
दरअसल यह पूरा मामला महर्षि वशिष्ठ मेडिकल कॉलेज के सर्जिकल वार्ड के बाथरूम का है जहा एक महिला मरीज का शव मिलने के बाद पूरे अस्पताल में सनसनी फ़ैल गई। सूचना पर पहुंची पुलिस शव को कब्जे में लेकर जांच पड़ताल में जुट गई है। मेडिकल कॉलेज के सर्जिकल वार्ड में सोनहा थाना क्षेत्र के भानपुर बाबू गांव की रहने वाली आराधना को बाथरूम में रस्से से लटककर जान देता देखकर परिजनों ने पहले लोगो से मदद मांगी मगर जब किसी ने मदद नही की तो बेटी ने दम तोड दिया।
इसके बाद अस्पताल प्रबंधन भी मौके पर पहुंच गया। इस बात की सूचना पुलिस को दी गई। कुछ ही देर बाद मौके पर पुलिस पहुंच गई। बताया जा रहा है कि महिला के पेट का ऑपरेशन लखनऊ के किसी हॉस्पिटल में हुआ था। इसके बाद परिजन उसे घर ले आए थे। दोबारा दर्द शुरू होने पर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया था। मृतका के गले में एक डोरी पड़ी हुई थी, जिसे देख लोग आत्महत्या की आशंका जता रहे हैं। फिलहाल मामले की जांच पड़ताल में पुलिस जुटी हुई है।
ये जो हेल्थ सिस्टम के फर्श पर बेसुध बेहोश और कराहती महिला नजर आ रही है ना ये कोई साहब की मेम साहब नही है, ये वो गरीब दुखिया परेशान और सरकारी सिस्टम की मारी महिला है जो अस्पताल में होते हुए भी इलाज के अभाव में दम तोड दिया। आराधना को समय पर इलाज नहीं मिला जिससे वो परेशान हो गई और बाथरूम में जाकर सुसाइड कर लिया। आराधना के परिजनों का आरोप है कि उन लोगो ने कितनी बार डॉक्टर को बुलाने का प्रयास किया मगर कोई नही आया और बेटी दर्द से तड़पती रही। आराधना का 4 साल का एक मासूम बेटा है जिसे अभी यह नही पता कि उसकी मां इस भ्रष्ट और लापरवाह सिस्टम के आगे जान दे चुकी है। आराधना का बेटा दबी सी आवाज में बहुत पूछने पर कहता है मां का इलाज अभी हो रहा। यकीनन इस बच्चे की नादानी भरा जवाब सुनकर आपकी भी आंखे नम हो जाएंगी।
फिलहाल मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉक्टर मनोज से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि महिला मरीज आराधना ने आत्महत्या की है, जिसकी जांच पुलिस कर रही है। वार्ड नंबर 3 के बेड नंबर 6 पर इलाज के लिए आज ही परिजन आराधना को लेकर आए थे और किसी कारण से उसने सुसाइड कर लिया, इलाज में कोई लापरवाही नहीं हुई है। वही डीएसपी सत्येंद्र भूषण ने बताया कि मृत महिला मरीज का शव कब्जे में लेकर पीएम के लिए भेजा जा रहा, शिकायत मिलने पर विधिक कार्यवाही की जायेगी।
