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20 वर्ष पुराने हिंसा के मामले में कोर्ट ने 36 को सुनाई दस वर्ष की सजा

BySirfjanpaksh

Aug 24, 2023

20 वर्ष पुराने हिंसा के मामले में कोर्ट ने 36 को सुनाई दस वर्ष के कारावास और 20 – 20 हज़ार रुपये के जुर्माने की सजा

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उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर में कोर्ट ने 20 वर्ष पुराने हिंसा के एक मामले में कोर्ट ने सुनवाई के दौरान 36 आरोपियों को दोषी पाए जाने के बाद उन्हें 10 – 10 वर्ष के कारावास और 20 – 20 हजार रुपए के अर्थ दंड की सजा सुनाई। सुनवाई के दौरान कोर्ट परिसर में भारी सुरक्षा बल मौजूद रहा और कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच हिंसा के दोषियों को सजा सुनाई गई है
दरअसल मामला थाना सिविल लाइन क्षेत्र का है जहां गत 14 फरवरी 2003 को मोहल्ला महूदनगर में दो पक्षों जाकिर और उस्मान के बीच पुरानी चली आ रही पुरानी रंजिश को लेकर जबरदस्त हिंसा हो गई थी इसमें भीड़ के द्वारा आगजनी पथराव किया गया जिसमें भीड़ द्वारा एक घर को आज के हवाले कर दिया गया था उसे घर में कई छोटे-छोटे बच्चे और महिलाएं बंद हो गए थे घटना की सूचना पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे थे और घर में बंद ऐसे बच्चों को जो खुद अपनी रक्षा भी नहीं कर सकते थे पुलिस के द्वारा बढ़ाने का प्रयास किया गया था इसके बाद भीड़ ने पुलिस बल पर हमला बोल दिया था इस हमले में तत्कालीन एसपी सिटी अरुण कुमार गुप्ता, सीओ सिटी दिनेश कुमार सिंह और तत्कालीन थाना प्रभारी बलजीत सिंह घायल हो गए थे इस घटना में पुलिस की ओर से कुल 62 लोगों को आरोपी बनाया गया था जांच के उपरांत मुकदमा कोर्ट में विचाराधीन था तभी से मामला कोर्ट में चल रहा था गत 22 अगस्त को न्यायाधीश कोर्ट नंबर 7 शक्ति सिंह की अदालत ने सुनवाई करते हुए 36 आरोपियों को दोषी करार दिया था इस मामले में आज न्यायाधीश शक्ति सिंह की अदालत ने सभी 36 दोषियों को 10 – 10 वर्ष के कारावास और 20 – 20 हज़ार रुपए के अर्थ दंड की सजा सुनाई है। सभी 36 दोषियों को आज कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अदालत में लाया गया था वही इस मामले की सुनवाई के दौरान पूरा कोर्ट परिसर छावनी में तब्दील किया गया था मामले की सुनवाई एडी जे 7 शक्ति सिंह की कोर्ट में हुई अभियोजन की ओर से शासकीय अधिवक्ता राजीव शर्मा व ए डी जी सी परमेन्द्र कुमार ने पैरवी की
गौरतलब है कि गत 14 फरवरी 2003 को मेहमूदनगर में हुई हिंसा में तत्कालीन एस पी , सिटी, सीओ सिटी व तत्कालीन थाना प्रभारी सिविल लाईन पथराव में घायल होने के बाद पुलिस ने धारा 307, 353, 332 और 7 क्रिमिनल एक्ट सहित कई संगीन धाराओं के मामला दर्ज किया था।

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