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मंडलायुक्त की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में 250 अति गंभीर कुपोषित बच्चों को पोषण पोटली वितरित

ByMukesh Kumar Kashyap

Sep 13, 2024

आईसीडीएस एवं यस वंडर वुमन क्लब द्वारा संयुक्त रूप से पंचायत भवन सभागार में 250 अति गंभीर कुपोषित बच्चों को गोद लिए जाने एवं उन्हें श्री अन्न से निर्मित पोषण पोटली प्रदान करने हेतु भव्य कार्यक्रम आयोजित हुआ।
कार्यक्रम में मंडलायुक्त मुरादाबाद श्री आञ्जनेय कुमार सिंह, जिलाधिकारी श्री अनुज सिंह और मुख्य विकास अधिकारी श्री सुमित यादव की मौजूदगी में अति गंभीर कुपोषित बच्चों को पोषण पोटली प्रदान की गई।
मंडलायुक्त ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पोषण वर्तमान में सरकार के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दा है।
बच्चों का स्वास्थ्य बेहतर हो इसके लिए निरंतर प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वास्तव में बच्चों के पोषण की देखभाल करना और उसके प्रति जागरूक होना परिवार और समाज की जिम्मेदारी है।
समाज के तौर पर यश वंडर वुमन क्लब द्वारा यह जिम्मेदारी ली गई है जो अत्यंत सराहनीय कदम है।
उन्होंने कहा कि बच्चों के खानपान को पोषक तत्वों से भरपूर बनाने में माता-पिता को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी।
बच्चों का जब शारीरिक और मानसिक विकास हो रहा होता है तब उन्हें खास पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है ताकि उनके अंदर कमजोरी न हो।
मोटे अनाज में उपलब्ध पोषक तत्व बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को गति प्रदान करते हैं।
इसलिए मोटे अनाज से तैयार पोषण पोटली इन गंभीर अति कुपोषित बच्चों को उपलब्ध कराई जा रही है।
स्वस्थ बच्चे के लिए उसकी मां का स्वस्थ होना बहुत जरूरी है क्योंकि स्वस्थ बच्चा स्वस्थ मां से ही जन्म ले सकता है।
मां को अपने स्वास्थ्य स्तर का ध्यान रखना और गर्भधारण के दौरान अपने खान-पान, जरूरी जांच व स्वास्थ्य संबंधी अन्य सावधानियों को लेकर आईसीडीएस द्वारा उन्हें जागरूक किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि हम सभी की जिम्मेदारी है कि अपने परिवार की किशोरियों के स्वास्थ्य और पोषण प्रबंधन पर विशेष ध्यान दें क्योंकि वही बेटियां भविष्य में मां बनेगी।
उन्होंने अर्धकुमारी देवी का उदाहरण देते हुए कहा कि किशोरियों और महिलाओं के मासिक धर्म को लेकर पुरुषों को भी जागरूक होना चाहिए।
परिवार की किशोरियों को यह बताया जाए की मासिक धर्म के दौरान उन्हें अपने स्वास्थ्य और स्वच्छता पर विशेष तौर पर ध्यान देने की आवश्यकता होती है।
मासिक धर्म के दौरान समस्याओं को लेकर परिवार की महिलाएं संकोच न करें क्योंकि यह उनके स्वास्थ्य और स्वच्छता से जुड़ा हुआ है। जिलाधिकारी ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकत्री आईसीडीएस का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। बच्चों का 5 से 6 साल की उम्र तक अधिकतम शारीरिक और मानसिक विकास हो जाता है और इस शारीरिक एवं मानसिक विकास के आधार पर ही उनका शिक्षा स्तर और देश के विकास में योगदान निर्धारित होता है।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य और स्वच्छता को लेकर सरकार द्वारा ओडीएफ कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है साथ ही हैजा और टाइफाइड जैसी गंभीर बीमारियों से सुरक्षा के लिए हर घर जल योजना के अंतर्गत स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित हो रही है।
मोटा अनाज, सहजन की फली, सहजन की पत्ती, दूध आदि बच्चों के आहार में शामिल करना चाहिए। उन्होंने टीकाकरण को लेकर भी जागरुक करते हुए कहा कि गर्भवती माता और नवजात बच्चों को सभी निर्धारित टीके तय समय से लगवाने चाहिए क्योंकि इससे उन्हें भविष्य में गंभीर बीमारियों से सुरक्षा मिलती है। मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि पोषण पोटली में शामिल किए गए बिस्किट बच्चों के शरीर में कैलोरी, प्रोटीन की मात्रा और आयरन की कमियों को दूर करने में मददगार साबित होंगे।
250 अति गंभीर कुपोषित बच्चों को पोषण पोटली प्रदान की जा रही है एक माह बाद इन सभी बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार का आकलन पुनः कराया जाएगा।
उन्होंने कहा कि बच्चों के माता-पिता पूरी जिम्मेदारी के साथ बच्चों को पोषण पोटली के आहार का सेवन कराएं।
इस दौरान स्वास्थ्य एवं आईसीडीएस विभाग के अधिकारी एवं यस वंडर वुमन क्लब की चेयर पर्सन प्रिया अग्रवाल सहित क्लब के अन्य सदस्य गण मौजूद रहे।
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