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हनुमान जी का गंगा जल अभिषेक

ByMukesh Kumar Kashyap

Aug 7, 2024

देश का एक बड़ा हिस्सा इस वक्त बाढ़ की चपेट में है और लाखों लोग बेघर हो चुके है । और सारी सरकारी मशीनरी मना रही है की बाढ़ का पानी कब कम होगा लेकिन क्या आपको पता है की एक शहर ऐसा भी जहाँ लोग मनाते है की उनके इलाके में बाढ़ आये । ऐसी इच्छा रखने वाले कही और की नहीं बल्कि तीर्थराज प्रयागराज की नगरी के लोग है । ऐसा करने के पीछे कोई और नहीं बल्कि धार्मिक कारण है । यहाँ के लोगों का ऐसा विश्वास है की साल में एक बार गंगा यहाँ के किनारे लेटे हनुमान जी का अभिषेक करने जरूर आती है और ऐसा होने से यहाँ के लोगों को हर संकट से मुक्ति मिलती है । इस बार भी ऐसा अद्भुत संयोग हुआ है जब माँ गंगा हनुमान जी के पैर पखारने आई । बड़ी संख्या में लोग यहाँ के अद्भुत संयोग के साक्षी बनने के लिए आ रहे है ।

घंटा घड़ियाली के बीच हनुमान मंदिर में भक्तों का ये जश्न अपने भगवान हुनमान के गंगा अभिषेक का है । चाहे मंदिर के पुजारी हो या फिर हनुमान भक्त सारे की सारे इस समय हनुमान जी की विशेष आराधना में जुटे है । ऐसी मान्यता है की हर साल माँ गंगा पवनपुत्र का अभिषेक करने साल में एक बार जरूर आती है । और ऐसा होने से शहर के लोगों को हर संकट से मुक्ति मिलती है और जब जब ऐसा नहीं होता प्रयाग के लोग अलग अलग संकट से बाधित होते है ।धर्म के जानकारों का कहना है की लंका विजय के बाद जब भगवान श्री राम महर्षि भारद्वाज आश्रम उनका आशीर्वाद लेने आये तो हनुमान जी गंगा किनारे आराम करने लगे थे और तभी से माँ गंगा अपने पुत्र से मिलने हर साल आती है ।

गंगा यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम का ये वो इलाका है जहाँ दुनिया का सबसे बड़ा मेला कुम्भ हर बारह साल के बाद लगता है लेकिन इस समय पूरा की पूरा कुम्भ क्षेत्र पानी में गया है । जहाँ सैकड़ों तम्बू कनात लगते है वहां हर और सिर्फ और सिर्फ पानी ही पानी नजर आता है । जहाँ गंगा आरती होती वो जगह भी पानी में समा चुकी है । घाटियों की बनी झोपड़ियां तक पानी में डूब गयी है । हलाकि प्रशासन अभी किसी गंभीर बात से इंकार कर रहा है ।

बाढ़ का मजा लूटने के लिए लोग मंदिर परिसर के बाहर समूहों में निकल पड़े ! मंदिर के बाहर जल उत्सव मनाया जा रहा था तो वही गंगा जल में जल मग्न हो गए लेटे हनुमान जी का दर्शन पाने के लोग बाढ़ के पानी में ही खड़े होकर जलमग्न हनुमान जी को निहार रहे थे ! बाढ़ का यह महापर्व तब तक चलेगा जब तक गंगा जी का यह पानी वापस अपनी जगह नहीं आ जाता !

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