यूपी: हापुड सिंभावली शुगर्स मिल समूह से ( NCLT) National Company Law Tribunal कोर्ट ने प्रबंध कमेटी को भंग कर दिया है। पंजाब नेशनल बैंक (पूर्व में ओरिएंटल बैंक) से वर्ष 2007 एवं 2012 में लिए गए 103 करोड़ रुपये के बैंक ऋण के मामले में राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण इलाहाबाद पीठ प्रयागराज द्वारा निर्णय सुनाते हुए सिंभावली शुगर लिमिटेड से मालिकाना हक छीन लिया है। न्यायालय के आदेश पर प्रबंध कमेटी को भंग कर दिया गया।
सीबीआई ने भी दर्ज कराया था मुकदमा
दिल्ली में सीबीआई द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे के अनुसार 5,762 किसानों को भुगतान के लिए ओबीसी ने सिंभावली शुगर्स लिमिटेड की सिंभावली चीनी मिल को 148.59 करोड रुपये का ऋण दिया था। लेकिन कंपनी ने इसका उपयोग बाहरी वाणिज्यिक कर्ज सहित बकाया ऋण चुकाने, कंपनी के परिचालन खर्च और गन्ने के बकाया का भुगतान करने में किया। जो कि कंपनी को अपनी आय से करना चाहिए था। जांच मे कहा गया था।कि कंपनी ने इस प्रकार जरूरतमंद किसानों की सहायता के लिए कर्ज लेकर नियम और शर्तों का उल्लंघन किया है।
सिंभावली शुगर ग्रुप की हापुड़ के ब्रजनाथपुर, सिंभावली और बहराइच के चिलवरिया में शुगर मिल हैं। समय समय पर चीनी मिल ने विभिन्न बैंकों से ऋण लिया था। वर्तमान में सात बैंकों का करीब 1400 करोड़ रुपये मिल पर बकाया है। वहीं, जिले की दोनों मिलों सिंभावली एवं उसकी दूसरी यूनिट ब्रजनाथपुर चीनी मिल पर 309 करोड रुपये किसानों के भुगतान बकाया है। ओरियंटल बैंक आफ कामर्स की करीब 103 करोड़ की देनदारी मिल पर है। ऋण का भुगतान न होने पर सिंभावली शुगर्स लिमिटेड के खिलाफ बैंक ने न्यायालय की शरण ली थी।
बृहस्पतिवार को आरियंटल बैंक आफ कामर्स की करीब 103 करोड़ की देनदारी के मामले में न्यायालय में सुनवाई हुई। जिसमें निर्णय सुनाते हुए न्यायालय ने मिल मिल से बैंक का रुपया लौटाने का आदेश जारी किया है। साथ ही मिल का कंट्रोलर नियुक्त कर दिया है।
सिंभावली शुगर मिल के सीजीएम करण सिंह ने बताया: कुछ दिन पहले कंपनी द्वारा बैंकों से लोन लिया गया था तो लोन पूरा चुकता नहीं हो पाया था। 5-6 साल पहले ओरियंटल बैंक आफ कामर्स (NCLT) National Company Law Tribunal चला गया था।ओर NCLT मे सुनवाई होती रही। अब 11 जुलाई को एक आर्डर आया जिसमें (IRP) नियुक्त किया गया।ओर कंपनी बोर्ड को सस्पेंड कर दिया।
