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स्वामी विवेकानंद योग अनुसंधान संस्थान ने बताया योग से कैसे “स्वत: और समाज” का संकल्प निरोग और राष्ट्रनिर्माण तक पहुंचेगा.

ByMukesh Kumar Kashyap

Jun 21, 2024

बेंगलूर- विश्व योग दिवस पर स्वामी विवेकानंद योग अनुसंधान संस्थान (S-VYASA) में विशाल योग क्रिया का आयोजन किया गया. प्रकृति और मानव विज्ञान से जुड़ी निरोगी जीवनशैली को हर मानव के लिए सुलभ बनाने के संकल्प के साथ इस यूनिवर्सिटी की आधारशिला रखने वाले डॉ. एच आर नागेंद्र मुख्य अतिथि रहे. S-VYASA के नाम से संचालित योग यूनिवर्सिटी में क़रीब 2 हज़ार छात्र-छात्राओं, योग ट्रेनर, योग प्रशिक्षु, विभिन्न शहरों से आए लोगों ने योग किया. इस अवसर पर S-VYASA के संस्थापक और चांसलर डॉ. एच आर नागेंद्र ने योग दिवस पर सभी से ये अपील की है कि वो जीवन में योग को अपनाएं. योग सिर्फ़ शारीरिक व्यायाम नहीं है, बल्कि ये हमारे व्यवहार, सदाचार और सुविचार की संकल्पना को साकार करता है. डॉ. नागेंद्र ने ये भी कहा कि जिनके जीवन में योग है, वो लोग हर उम्र में निरोग रहते हैं और जो योग से दूर हैं, उनमें ज़्यादातर रोगों से घिरे रहते हैं. योग जीवन की वो औषधि है, जो हमें हर दिन प्रकृति से जोड़कर रखती है और उसके बाद किसी और दवा की ज़रूरत नहीं पड़ती.
बैंगलुरू के जिगणी में स्थित S-VYASA में इस बार योग दिवस की थीम “सेल्फ़ एंड सोसायटी” यानी स्वत: और समाज रही. इस अवसर पर यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अमित सिंह ने योग दिवस में शामिल लोगों से कहा कि स्वत: यानी व्यक्ति मिलकर ही समाज बनाते हैं. इसलिए हमें स्वत: निरोग रहना है और समाज को निरोग रखते हुए राष्ट्रनिर्माण करते हुए स्वयं भी आगे बढ़ना है और देश को भी आगे बढ़ाना है. इस अवसर पर चांसलर डॉ. एच आर नागेंद्र, कुलपति डॉ. मंजूनाथ शर्मा, मेडिकल डायरेक्टर डॉ. आर नागरत्ना विशेष रूप से उपस्थित रहे और योग दिवस और मानव कल्याण पर अपने विचार रखे।
प्रस्तुति-
श्री पंकज त्रिपाठी
सीनियर जर्नलिस्ट

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