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राष्ट्रीय नशा मुक्ति, विश्व शांति, जगत कल्याण एवं गौ रक्षा के लिए मेरी तपस्या समर्पित = पागल बाबा

BySirfjanpaksh

May 24, 2024

राष्ट्रीय नशा मुक्ति, विश्व शांति, जगत कल्याण एवं गौ रक्षा के लिए मेरी तपस्या समर्पित = पागल बाबा

भारतीय इतिहास संकलन समिति के सदस्यों ने दर्शन कर लिया आशीर्वाद,तपस्या की सफलता को ईश्वर से की प्रार्थना

शिव धाम अमेठी निकट सगरा महाकाल के संत पागल बाबा पंचाग्नि तपस्वी ने कल्कि क्षेत्र संभल में आकर कड़कड़ाती धूप में अपने चारों दिशाओं में प्रचंड अग्नि प्रज्वलित करके बीच में बैठकर तपस्या कर रहे हैं। लक्ष्य राष्ट्रीय नशा मुक्ति अभियान के साथ-साथ विश्व शांति, जगत कल्याण एवं गौ रक्षा का है।
गंवा रोड पर संभल तीर्थ परिक्रमा मार्ग पर 23 मई गुरुवार पूर्वाह्न 11:30 बजे से मई जून सोमवार तक पांच दिवसीय अखंड तपस्या करने वाले संत पागल बाबा पंचाग्नि तपस्वी की विशेष और अनोखी तपस्या के दर्शन करने उनसे आशीर्वाद लेने और भक्ति मय वातावरण बनाते हुए भजन कीर्तन पूजन का निरंतर संचालन करने की इच्छा से अनेक समाजसेवियों ने परिक्रमा मार्ग पर चारों दिशाओं से प्रचंड अग्नि के बीच तपस्या कर रहे पागल बाबा के दर्शन किए और आशीर्वाद लिया। इसी कड़ी में भारतीय इतिहास संकलन समिति के जिला अध्यक्ष अजय कुमार शर्मा के नेतृत्व में कोषाध्यक्ष पंकज सांख्यधर, जिला महिला प्रमुख मीनू रस्तोगी, जिला बौद्धिक प्रमुख अतुल कुमार शर्मा, जिला सह मंत्री सुबोध कुमार गुप्ता, जिला कार्यकारिणी सदस्य वैभव गुप्ता तथा अन्य सदस्यों ने पागल बाबा के दर्शन किए और तपस्या कर रहे पागल बाबा के चारों ओर प्रचंड अग्नि को प्रज्वलित देख आश्चर्य चकित हुए। उनकी तपस्या का सफल परिणाम प्राप्त हो ऐसी प्रभु से प्रार्थना करते हुए भजन पूजन किया। भारतीय इतिहास संकलन समिति के जिला अध्यक्ष अजय कुमार शर्मा ने उपस्थित जन समुदाय को आश्वस्त करते हुए कहा कि संभल कल्कि भगवान की अवतार स्थली है। 68 तीर्थ 19 कूपों की पावन धरा है। यहां 24 कोसीय परिक्रमा पथ के निकट संत शिरोमणि पागल बाबा के द्वारा राष्ट्रीय नशा मुक्ति, विश्व शांति, जगत कल्याण एवं गौ रक्षा के लिए विशेष तप किया जा रहा है इसका सुफल अवश्य प्राप्त होगा। उन्होंने संत पागल बाबा के श्री चरणों में नमन करते हुए कहा कि ऐसे दिव्य संतो के आशीर्वाद से संभल क्षेत्र की खुशहाली व शांति आश्चर्य जनक ढंग से निश्चित रूप से बढ़ेगी। उन्होंने 23 मई से 27 मई तक पांच दिवसीय दिन रात चलने वाली तपस्या की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसे दिव्य संत के दर्शन करने से और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने से सभी मनोकामनाएं निश्चित रूप से पूर्ण होती हैं। सभी क्षेत्रवासियों को सामाजिक साहित्यिक धार्मिक संगठनों को तपस्वी पागल बाबा के दर्शन करने का आह्वान किया।

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