उत्तर प्रदेश के जौनपुर ज़िले के बाहुबली पूर्व सांसद धनंजय सिंह को आज सुबह बरेली जेल में शिफ्ट करने के लिए कड़ी सुरक्षा के बीच एम्बुलेंस से जौनपुर ज़िला जेल से बरेली जेल भेज दिया गया है। पूर्व सांसद की पत्नी बसपा उम्मीदवार श्रीकला सिंह ने पत्रकारों से बातचीत में कहाकि धनजय सिंह को अचानक बरेली जेल में शिफ्ट करना हम लोगो के लिए परेशान कर रहा है। श्रीकला ने अपने पति धनजय सिंह और अपनी हत्या की आशंका जताई है। श्रीकला सिंह ने अपने माँग की सिन्दूर और मंगलसूत्र को बचाने के प्रधानमंत्री इसे गुहार लगाई है।
उन्होंने अभय सिंह का वगैर नाम लिए कहा कि मेरे पति के ऊपर जिन लोगों ने AK 47 से जानलेवा हमला किया था वो लोग भी बदले घटनाक्रम में आज सत्ता में है। ये सब देखकर मुझे डर है कि ये लोग मेरे पति की हत्या का प्रयास कर सकते हैं उन्होने कहाकि विपक्षियों को डर सता रहा है कही धनंजय सिंह बाहर आ गए तो हार का सामना करना पड़ सकता है। इस लिए उनको फर्जी मुकदमो में फंसाने का षड्यंत्र रच सकते हैं।
मेरे पति का गुनाह सिर्फ इतना है कि वो जनता की आवाज़ है हम एक एक लोग धनजय बनकर लड़ रहे है।
उन्होने बिना रुके, बिना थके जौनपुर के लोगों की सेवा की है और जब आपकी आवाज को सदन तक पहुंचाने के लिए चुनाव लड़ने का फैसला किया तो उनके ऊपर फर्जी मुकादमे कायम कराये गए। भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई को कोई और रूप दिया गया। उन्होंने माननीय उच्च न्यायालय ने बहस के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखा था तो भी ये लोग बौखलाहट में उनका जेल ट्रांसफर कर दिया। इन लोगो के अंदर उच्च न्यायालय के फैसले का भी इंतजार करने का या उसका सम्मान करने का साहस नहीं।
आज मैं देश के प्रधान मंत्री जी से पूछना चाहता हूं कि विपक्ष की सरकार बनने पर आप मंगलसूत्र छीन जाने की बात करते हैं। आज आपकी सरकार में ही मेरे मंगल सूत्र पर संकट है। क्या आपका ध्यान उस पर नहीं जाएगा। क्या यहां जनता की सेवा में अपना सब कुछ न्योछावर करने के बाद चुनाव लड़ने की इच्छा रखना गुनाह है। आज मैं पुरुषार्थ और जज्बे की धरती जौनपुर के परिवार जन से पूछना चाहती हूं कि क्या आप अपने बेटे की अन्याय के विरूद्ध इस लड़ाई में उनका साथ नहीं देंगे।
अब आज के बाद ये लड़ाई सिर्फ मेरी नहीं है। अब ये लड़ाई जौनपुर के हर एक व्यक्ति को लड़नी है। ये लड़ाई किसी एक जाति या धर्म की नहीं होगी, ये लड़ाई होगी अपनी बहू के सिन्दूर को बचाने की, आपके अपने बेटे की जान को बचाने की, जौनपुर का सम्मान बचाने की। आप सबके सामने मैं अपना आंचल फैलाती हूं कि अपना प्यार, आशीर्वाद और साथ मेरी झोली में डाल दीजिए।
