• Thu. Jun 19th, 2025

रामपुर तिराहा कांड में पीएसी के दो सिपाही दोषी करार, 18 को होगा सजा के लिए फैसला

BySirfjanpaksh

Mar 15, 2024

https://we.tl/t-QWEVU2MslD

मुजफ्फरनगर। रामपुर तिराहा कांड में तीन दशक बाद फैसला की घड़ी नजदीक है। अदालत ने फैसले की पहली पत्रावली आज के लिए नियत की थी। पत्रावली में पीएसी के दो सिपाहियों पर मुकदमा चल रहा था, जिसमे कोर्ट ने दोनों सिपाहियों को दोषी करार कर दिया है। 18 मार्च को दोषियों की सजा के लिए फैसला सुनाया जाएगा। उधर, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी रामपुर तिराहा स्थित शहीद स्मारक पर पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की।

रामपुर तिराहा कांड में सीबीआई बनाम मिलाप सिंह की पत्रावली में अपर जिला एवं सत्र न्यायालय संख्या-7 के पीठासीन अधिकारी शक्ति सिंह ने दोनों को दोषी ठहराया है। शासकीय अधिवक्ता फौजदारी राजीव शर्मा ने बताया कि मिलाप सिंह की पत्रावली में प्रकरण में सुनवाई पूरी हो चुकी है। पत्रावली में पीएसी के सिपाही मिलाप सिंह और वीरेंद्र प्रताप पर मुकदमा चल रहा था। दोनों अभियुक्तों पर पीड़िता के साथ छेड़छाड़ और दुष्कर्म का मुकदमा है। 25 जनवरी 1995 को सीबीआई ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमें दर्ज किए थे।

बता दें कि एक अक्टूबर 1994 को अलग राज्य की मांग के लिए देहरादून से बसों में सवार होकर आंदोलनकारी दिल्ली के लिए निकले थे। देर रात रामपुर तिराहा पर पुलिस ने आंदोलनकारियों को रोकने का प्रयास किया। आंदोलनकारी नहीं माने तो पुलिसकर्मियों ने फायरिंग कर दी, जिसमें सात आंदोलनकारियों की मौत हो गई थी। सीबीआई ने मामले की जांच की और पुलिसकर्मियों व अधिकारियों पर मुकदमे दर्ज कराए थे। अदालत में प्रकरण की सुनवाई चल रही है।

दोनों आरोपी पीएसी गाजियाबाद में सिपाही मिलाप सिंह मूल रूप से एटा के निधौली कलां थाना क्षेत्र के होर्ची गांव का रहने वाला है। दूसरा आरोपी सिपाही वीरेंद्र प्रताप मूल रूप से सिद्धार्थनगर के गांव गौरी का रहने वाला है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *