अजमेर की टाडा कोर्ट ने आतंकी अब्दुल करीम टुंडा को किया बरी, सीबीआई के आरोपो को कोर्ट ने नकारा, वहीं अन्य दो आरोपी इरफान और हमीरुद्दीन को उम्र कैद की सजा सुनाई
बाबरी मस्जिद विध्वंस की पहली बरसी पर आतंकी अब्दुल करीम टुंडा ने 6 दिसंबर 1993 को देश के अलग-अलग शहरों की ट्रेनों में सिलसिले बम धमाके किए थे, बम धमाके करने के बाद आतंकी टुंडा लंबे समय तक फरार रहा और वह इसी तरह की घटनाओं को अंजाम देता गया लेकिन अगस्त 2013 में पुलिस ने उसको गिरफ्तार कर लिया था । उसके बाद से आतंकी टुंडा का केस अजमेर की टाडा कोर्ट में चल रहा था, पिछले साल 24 सितंबर 2023 से आतंकी टुंडा अजमेर की सेंट्रल जेल में बंद है । आज अजमेर की टाडा कोर्ट के जज महावीर प्रसाद गुप्ता ने 66 गवाहों, ओर सबूतों, वह लंबी तारीखों और बहस के बाद आतंकी अब्दुल करीम टुंडा पर आज अपना फैसला सुनाते हुए उन्हें बरी कर दिया । अब्दुल करीम टुंडा के एडवोकेट शफकत सुल्तानी ने बताया की सीबीआई कोर्ट के द्वारा लगाए गए आरोप कोर्ट ने नहीं माने और आज टुंडा बरी कर दिया । वहीं अन्य दो आरोपी इरफान और हमीमुद्दीन को न्यायालय ने दोषी माना है और उन्हें उम्र कैद की सजा सुनाई है ।
अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद कोटा, लखनऊ, कानपुर, हैदराबाद, सूरत और मुंबई की ट्रेनों में सीरियल बम ब्लास्ट हुए थे। 20 साल पहले 28 फरवरी 2004 को टाडा कोर्ट ने ही मामले में 16 अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने चार आरोपियों को बरी कर शेष की सजा बहाल रखी थी, जो जयपुर जेल में बंद है। 6 दिसंबर 1993 से मामला कोर्ट में चल रहा है। अब्दुल करीम टुंडा, हमीदुद्दीन व इरफान अहमद के खिलाफ आज फैसला आया है । जिसमे अब्दुल करीम टुंडा को बरी कर दिया गया है । इन पर 5 से 6 शहरों में आंध्र प्रदेश, यूपी, गुजरात राजस्थान और महाराष्ट्र में विस्फोट का आरोप है। वहीं अब्दुल करीम टुंडा पर यह आरोप था कि वह मामले का मास्टरमाइंड है।
शातिर दिमाग का है अब्दुल करीम टुंडा:
अब्दुल करीम टुंडा का नाम आपने विभिन्न खबरों में पढ़ा और सुना होगा। यह वही टुंडा है जिसने एक ही दिन में अलग अलग शहरों में सीरियल बम ब्लास्ट करके पूरे देश को दहला दिया था। 6 दिसंबर 1993 को बाबरी मस्जिद विध्वंस की पहली बरसी पर टुंडा की प्लानिंग के मुताबिक लखनऊ, कानपुर, हैदराबाद, सूरत और मुम्बई में एक साथ ट्रेनों में बम धमाके किए गए थे। कुछ सालों बाद रोहतक और हैदराबाद में भी बम धमाके किए थे। देश में हुई अन्य कई आतंकी घटनाओं में भी टुंडा शामिल रहा। शातिर दिमाग का टुंडा कई सालों तक पुलिस को गच्चा देता रहा लेकिन अगस्त 2013 में उसे नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार कर लिया गया। 80 वर्षीय आतंकी टुंडा को हाल ही में अजमेर की टाडा कोर्ट में दो अन्य आतंकियों के साथ पेश किया गया था जिसके पास से वह अजमेर की सेंट्रल जेल में बंद है । वही आतंकी टुंडा की तबीयत खराब होने की शिकायत के चलते उसको कई बार इलाज के लिए जेल से अस्पताल भी लाया जाता था ।
