मथुरा
मसानी स्थित मोक्ष धाम पर आज एक मानवता को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया जहां 85 वर्षीय महिला पुष्पा की वृद्धावस्था के चलते मौत हो गई लेकिन उसकी तीनों बेटियों के बीच शमशान घाट पर ही जमीनी हक को लेकर लड़ाई होती रही और महिला का अंतिम संस्कार नहीं हो सका वही शमशान घाट पर अंतिम संस्कार करने आया पंडित भी आठ बार श्मशान घाट से लौट गया और 9 घंटे तक शमशान घाट पर खूब ड्रामा चलता रहा और शमशान घाट पर काम करने वाले लोग भी उनके ड्रामे को देखकर परेशान हो गए
आपको बता दें कि 85 वर्षीय मृतिका पुष्पा का कोई पुत्र नहीं है उसकी तीन बेटियां हैं मिथिलेश सुनीता और शशि, जहां वृद्धा बीते कुछ दिनों से बड़ी पुत्री मिथिलेश के घर थाना यमुनापार के गांव लोहवन में रहती थी आरोप है कि मिथिलेश ने अपनी मां को बातों में लेकर उसका करीब डेढ़ बीघे खेत बेच दिया
जब वृद्धा पुष्पा की मौत हो गई तो उसको मिथिलेश के परिजन मसानी स्थित मोक्ष धाम अंतिम संस्कार के लिए लेकर पहुंचे जैसे ही जानकारी उसकी अन्य दो पुत्री सुनीता और शशि को लगी तो वह भी शमशान घाट पहुंच गई और उन्होंने अपनी माता का अंतिम संस्कार नहीं होने दिया और मिथलेश से उसकी संपत्ति का बंटवारा करने के लिए लड़ने झगड़ने लग गई
और दोनों बहने मांग करने लगी की उसकी जो बची हुई संपत्ति है उसको हमारे नाम किया जाए तभी हम अंतिम संस्कार होने देंगे लेकिन मिथिलेश इसके लिए राजी नहीं हुई और यह ड्रामा काफी देर तक चलता रहा श्मशान घाट पर कार्य करने वाले लोगों ने इसकी जानकारी पुलिस को दी
जिसके बाद थाना कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची लेकिन वह भी काफी देर तक उनको समझाने में असफल रही, जिसके बाद तीनों बहनों के बीच एक लिखित समझौता हुआ जिसमें मृतिका का की बची हुई संपत्ति को दो छोटी बेटी शशि और सुनीता के नाम किया जाएगा और इतना ड्रामा होने के बाद आखिर में महिला का अंतिम संस्कार हो सका
वहराल वृद्धा का शव करीब 9 घंटे तक अपने अंतिम संस्कार के लिए इंतजार करता रहा जहां श्मशान घाट पर मौजूद लोग भी ड्रामा करने वाले परिजनों कोसते रहे और यह घंटो का ड्रामा आखिरकार शाम 6:00 बजे समाप्त हो गया
